Thursday, January 7, 2010

जैसे बढ़ाते अध्यात्मिक साम्यवादी आन्दोलन का एक पहिया रुक गया

किसी का कमेन्ट मुझसे आज  डिलीट हो गया, उसे पढ़ा  भी नहीं था > एक  छोटी सी चूक बढ़ा कारन बन सकती है> समाज परिवर्तन्  की सकारात्मक धारा को अवरुद्ध कर सकती है क्यों की इस संसार में कोई भी बात छोटी  नहीं हुआ कराती>  समाज जिसे  छोटी बात, छोटे  लोग, आदि  कहकर भुला देता है अध्यात्मिक साम्यवाद उसी में महानता की संभावना की तलाश करता है > बर्तमान  कठिनाइयों  का कारन हर स्टार पर नजरादाज करने की आदत  ही है> जैसे बढ़ाते अध्यात्मिक साम्यवादी आन्दोलन का एक पहिया रुक गया >  आशा है अप पुनः सदेश भेजोगे >
धन्यवाद
                              

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